किसी भी व्यक्ति के लिए कॉन्संट्रेशन पावर बहुत जरूरी होती है, क्योंकि इसका सीधा संबंध आपके दिमाग से होता है। अगर किसी व्यक्ति की कॉन्संट्रेशन पावर स्ट्रॉन्ग होती है, तो वो किसी भी काम को धैर्य और संयम के साथ करता है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति को उस काम में भी कामयाबी मिलती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपना काम ध्यान केंद्रित कर नहीं कर पाता है, तो उसे वो काम करने में काफी परेशानी होती है। बड़ों के साथ बच्चों को भी अच्छे कॉन्संट्रेशन पावर की जरूरत होती है। बच्चें हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं। जो उनकी पढ़ाई या अन्य कामों के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन आज कल टीवी और स्मार्टफोन के कारण बच्चों में कॉन्संट्रेशन पावर बहुत कम हो गई है। बच्चे पढ़ाई करने तो बैठते हैं लेकिन उनका ध्यान बार-बार पढ़ाई से भटक जाता है। वो सहीं से अपना मन पढ़ाई या अन्य कामों में नहीं लगा पाते हैं। तो आइए जानते हैं छोटे बच्चों में कॉन्संट्रेशन पावर को स्ट्रॉन्ग करने के कुछ आसान टिप्स के बारे में।
बच्चों में कॉन्संट्रेशन पावर बढ़ाने के टिप्स
1. एक बार में करें एक काम
बच्चे मन के बहुत सच्चे होते हैं। छोटी उम्र में ही उन पर कई तरह के दबाव नहीं डालने चाहिए। कई पेरेंट्स अपने बच्चों को परफेक्ट बनाने के चक्कर में उन्हें कई काम एक बार में सीखने को कह देते हैं। जैसे डांस, म्यूजिक, स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटी में एक साथ बच्चे को घूसा देना उनके मेंटल हेल्थ पर भी असर डालता है। ऐसे में आप कोशिश करें की बच्चे को एक बार में एक ही चीज सीखाए ताकि वो अपना कॉन्संट्रेशन पूरी तरह उस काम में लगा सकें।
2. स्क्रीन टाइम
आजकल टीवी, लैपटॉप, मोबाइल फोन के ज्यादा यूज से भी बच्चों की कॉन्संट्रेशन पावर कम हो गई है। ऐसे में आप कोशिश उनका स्क्रीन टाइम कम कराने की कोशिश करें। बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए ज्यादा प्रेरित करें।
3. काम के बीच में न टोके
अगर बच्चा किसी काम में बिजी है, तो कोशिश करें की उसे वो काम पूरा करने दें। भले वो काम वो गलत कर रहा हो। क्योंकि काम के बीच में बच्चे को टोकने से वो अपने उस काम को पूरा करने में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे। यहां तक की बच्चों को लगने लगता है कि वो काम में कुछ गलत कर रहे हैं।
4. आसान और साफ शब्दों में समझाएं
बड़ों के मुकाबले बच्चों का दिमाग थोड़ा धीमी गति से काम करता है। ऐसे में बच्चों को कुछ भी आप बता या समझा रहे हैं, तो कोशिश करें की सरल और साफ शब्दों में उन्हे बताएं। बच्चे को बड़े शब्द को बोलने या कुछ समझाने के स्थान पर आप उन्हें छोटे और सरल शब्दों में सीखाएं। अगर आप उन्हें पढ़ाई से जुड़ी या किसी खेल से जुड़ी कोई बात समझा रहे हैं, तो कोशिश करें की उनके शब्दों में जो बातें वो समझते हैं, उन्हीं शब्दों में उन्हें वो बातें बताएं।