इंडिया में बच्चों को उनकी पढ़ाई और एग्जान में नंबर को लेकर अक्सर दूसरे बच्चों से उनकी तुलना की जाती है। जिस कारण कई बार बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर बढ़ जाता है। उनके दोस्त, रिश्तेदारों के बच्चे, पड़ोसी के बच्चों के साथ उनकी तुलना की जाती है। ऐसे में बच्चे कई बार पढ़ाई को लेकर प्रेशर में आकर सही से पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। इस वजह से भी बच्चे कई बार एग्जाम में फेल हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपका बच्चा किसी कारण एग्जाम में फेल हो जाए तो बच्चे की तुलना दूसरों से करने की जगह आप उनका हौंसला बढ़ाने की कोशिश करें। ऐसे समय में आप उनसे ऐसी बातें पूछे, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें। साथ ही एग्जाम में फेल होने के कारण बच्चे को किसी तरह का डिप्रेशन न हो, और वो आगे अपनी पढ़ाई में मन लगा सकें।
एग्जाम में फेल होने पर ऐसे करें बच्चे को मोटिवेट
1. बच्चे से कहें – ‘कोशिश करते रहो’
कई बच्चे ऐसे होते हैं, जिनका फेल होने के बाद आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है। जिससे उबर पाना बच्चे के लिए काफी मुश्किल हो सकता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा एग्जाम में फेल हो जाए तो आप उनको डिमोटिवेट करने की जगह उन्हें मोटिवट करें। इसलिए एग्जाम में फेल होने पर बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं। उन्हें कहें कि अभी भी उनके पास मौका है, वो दोबारा कोशिश कर सकते हैं। बच्चों का हौंसला बढ़ाने के लिए उन्हें कहे कि फेल होना गलत नहीं होता, बल्कि कोशिश न करना गलत होता है।
2. डांटने की जगह पूछे समस्या?
अगर आपका बच्चा अपने स्कूल के एग्जाम में फेल हो गया है, तो आप उसे डांटे नहीं। बल्कि प्यार से बर्ताव करें। बिना डांटे प्यार से उनसे पूछे की एग्जाम में ऐसा क्या आया, जिसे करना उन्हें मुश्किल लगा, या किस वजह से वो अपने एग्जाम में सही से पढ़ाई नहीं कर पाएं। इस तरह आप बच्चे से खुलकर बात कर पाएंगे। इतना ही नहीं बच्चा भी बिना डरे अपनी परेशानी आपसे शेयर करने की कोशिश करेगा। लेकिन अगर आप उसे डांटेंगे तो वो अपनी परेशानी भी आपको नहीं बताएंगे और आगे भी अपने एग्जाम की तैयारी डर और खौफ में ही करेंगे।
3. बच्चे की पढ़ाई को बेहतर बनाने की करें कोशिश?
बच्चा अगर एग्जाम में पास नहीं हो पाया, तो आप उन्हें डांटने की जगह उनसे बातचीत करें। बच्चों से पूछे की वो आगे अपनी पढ़ाई बेहतर करने के लिए क्या कदम उठाना चाहते हैं। अपनी पढ़ाई को और बेहतर बनाने के लिए आपकी तरफ से उन्हें क्या सहयोग चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को लगेगा की आप उन्हें डांटने की जगह उनको समझने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके बाद वो पढ़ाई में ज्यादा मन लगा पाएंगे।