बच्चे कहीं के भी किसी के भी हों, लेकिन बच्चों के नखरे, बिल्कुल अजीब होते हैं, वो कही किसी भी जगह पर फैल जाते हैं, उनको अपनी जिद पूरी करवानी होती है, क्योंकि बच्चों के पास कम उम्र में ‘लोग क्या कहेंगे’ ये सोचने की कॉन्सेप्ट नहीं होता है। उनको तो बस उनका काम होना चाहिए, चाहे वो जैसे हो।
बच्चे एक मिनट में प्यारे हो सकते हैं और अगले मिनट में दुनिया का सबसे बड़ा नखरेबाज हो जाते हैं। आप में हर किसी ने कही ना कही देखा ही होगा कि बच्चे अपने जिद के लिए फर्श पर लेटे रहते हैं और जो चाहते हैं उसे पाने के लिए पब्लिक में रोते हैं। तो ऐसे नखरेबाज बच्चों को आप पब्लिक में कैसे संभाले, हम यहां पर आपको कुछ टिप्स और ट्रिक बता रहे हैं, जिसे आप आजमा सकते हैं।
स्टेप 1: बच्चों के साथ हार्श मत हो
सबसे पहली और सबसे जरूरी बात ये है कि आप खुद बच्चे के साथ अपना आपा न खोएं। एक बच्चे को मारने से कभी किसी की मदद नहीं होती है। पेरेंट्स, तमाशबीन या आसपास के लोग, इसलिए ऐसी स्थितियों में हमेशा सॉफ्ट रहें। दयालु बनें और ज़ेन मानसिकता के साथ बात करें। अपने बच्चे से बात करने की कोशिश करें।
स्टेप 2: अपने बच्चे के टैंट्रम को समझें
अगर आपका बच्चा गुस्सा कर रहा है, तो जरूर इसके पीछे कोई ना कोई कारण होता है। जो उसके इस टैंट्रम को ट्रिगर करता है। क्या कोई ऐसा खिलौना है जिसे बच्चे ने देखा हो जिसे आपने बिना देखे या जल्दबाजी में मना कर दिया हो, या बच्चे को वॉशरूम जाना है, क्या किसी और ने इसे ट्रिगर किया? इस स्थिति से निपटने की कोशिश करते समय आपको इन सब पर ध्यान देने की जरूरत है।
स्टेप 3: बच्चे को प्रोत्साहित करे
जब एक बार आप कारण समझ जाते हैं, तो आप उन्हें रोकने के लिए जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वो ये है कि आप उन्हें प्रोत्साहन दे। लेकिन आप उन्हें बताएं कि क्या करना है, आप उन्हें कुछ बेहतर देंगे। जैसे अगर उन्हें कोई महंगा खिलौना चाहिए जिसे आप जानते हैं कि वे निश्चित रूप से टूटेंगे। उन्हें बताएं कि इसके बजाय आप उन्हें वापस रास्ते में पार्क में ले जाएंगे। पार्क या किसी रेस्टोरेंट के प्ले एरिया जो भी उन्हें पसंद हो।
स्टेप 4: उनका पसंदीदा नाश्ता अपने बैग में रखें
आप अपने बच्चे के लिए हमेशा उनके पसंदीदा स्नैक को अपने बैग में रखें। अगर वो भूखे थे, तब भी उनका ट्रेनट्रम हाई हो जाता है। इससे उनका मूड अच्छा होगा और वे अच्छा महसूस करेंगे।
बच्चे का साथ होना एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए अगर आपने इसे सबसे अच्छा कदम आगे बढ़ाया है तो उनके दोस्त बने ना कि हिटलरगिरी दिखाने के बजाए अपने घर में एक डेमोक्ट्रेटिक माहौल बनाकर रखें। बच्चा जिस वातावरण में पलता है उसका उसके व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है।